Monday, August 23, 2010

Pehle Pyaar ki Kahaani (Story of First Love)

It is very difficult to forget the first instance of love, though you may never know that it really was love or not. However, that feeling that happened for the first time would always be regarded as love somehow. My poem below talks about the same feeling.



पहले पहले कदम जो डगमगाए
कहीं दूर रह गयी वो बेख़ौफ़ जवानी
दिल के अभी भी पास है जो
है ये मेरे पहले प्यार की कहानी .........

दिल से सोच्ताथा जब मैं
दिमाग पर जोर नहीं रहता था ;
बस देखताथा तुझे ही तब मैं सिर्फ
ख्याल में कुछ और न रहता था |
ज़िन्दगी में लेके आयी थी जो नयी रवानी,
वो है मेरे पहले प्यार की कहानी .......

दोपहर कब बीत जाती थी
कब हो जाती थी इंतज़ार में शाम,
तारो को मैं बस गिनता रहता था यु ही,
नहीं होता मुझसे तब कुछ काम
पागल सी ज़िन्दगी में तू ही तो थी सायानी,
बस ये है मेरे पहले प्यार की कहानी......

तुझको देखना यु की मुझे तो न देखे देखते हुए,
दिल को संभालना यु की कहीं कोई न देखे बेहेकते हुए,
प्यार ने क्या किया था तब, क्यूँ अरमान हुए बेलगाम,
नशे में मैं क्यूँ झूमता था जब खाली था मेरा जाम
बंजर से ज़मीन पर जब उगी थी यु फूलों की टहनी
ये हैं मेरे पहले प्यार की कहानी ...........

कड़ी धुप में आज भी जब मैं कहीं निकलता हूँ,
याद मुझे आता है तेरा छत पर आना ,
तुझे तेरे छत पर देखना सुखाते दुपट्टो को,
कुछ तुझसे कहना और बहुत कुछ न कह पाना
कभी तेरे होठों की मुस्कराहट, कभी मेरे आँखों में पानी
क्या है आखिर यह?????
मेरे पहले प्यार की कहानी.............


It is very difficult to forget your first Love.....

Kalyan

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