Sunday, March 3, 2013

Digital Friends......Not worth it......

दोस्त बने आज facebook पर तेरे
वो दोस्त जो कभी न होंगे
गर्दिश में जब होंगे तेरे तारें
"Internet Connection" के ज़रिये लगते है गले
बिजली के रफ़्तार से वो जाते हैं चले
आज ग़म में नहीं हैं दोस्त का कंधा
दोस्ती नहीं रहीं दोस्ती अब
बस बन गया अमरीकी धंधा
 
जिस प्यार को तू पा रहा है
"Keyboard"  के टप टप में
वो प्यार नहीं है एक digital धोका है
तुझे देके इश्क का बहाना social site पर
इस technology ने तेरे अक्ल को रोका है
 
निकल बाहर घर से, देख दुनिया अभी भी है हसीन
सिर्फ तस्वीर नहीं पर सच में फूल अभी भी है रंगीन
बारिश में आज भी गीली मिट्टी देती है महक
बसंत के सुबह में आज भी है चिडियो की चहक
 
मत बन तू एक चूहे (mouse) का गुलाम
इंसान है तो रख इंसान का नाम.
 
चाय के चुस्किओं में, साथ फिल्म देखने में
हसना तेरे ख़ुशी में और रोना तेरे ग़म में
वोह दोस्त जो तेरे साथ है; वोही तेरे हैं यार 
बाकी computer में जो है सब बेकार  

Leave that Computer and just go out and enjoy the world.
Tenzing never climbed the Everest online.