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कोई ख्वाब है है कोई नयी जहाँ की है तू ....
ग़म से भरे दिल में जाने आयी कहाँ से तू ...
मुस्कुराता दिल है ये अब सारा जहाँ हसीं हैं
काले - सफ़ेद लफ़्ज़ों में अब बातें रंगीन हैं
चुप रहते जुबान पर अब आँखें कहाँ थकती हैं
देखती तुझे हर तरफ से नज़रें नहीं रुकती हैं ...
पल भर के लिए थमा जो था दिल जोर जोर से धड़कता हैं
ठन्डे जज्बातों में कहीं प्यार का शोला भड़कता हैं
लाल लिबाज़ में ढंकी तेरी योवन कहीं झांकती हैं
हर भूखे नज़र को ये अपने अंको से नापती हैं ....
संसार की तू माया हैं पर खुद तू एक पहेली हैं
सुबह का क्यों मुह ताके तू , रात तेरी सहेली हैं
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