
कच्ची घास पर ओस की कुछ बूँदें
इस तरह से सतह को सहलाते हैं
जैसे तेरे आँखों के आंसूं कभी कभी
तेरे टूटे दिल को बहलाते है |
दिल टूटने की आवाज़ जो कहीं कोई सुन पाता
क्या पता फिर ये सावन भी शायद जाते जाते रुक जाता |
दिल लगाया जो तुने उस बेदर्द के साथ
तो शायद जो हुआ वो अच्छा हुआ |
तेरे दिल के टूटे किनारों में कही
झूठे वादों का खुलासा सच्चा हुआ |
प्यार की बाज़ी हार कर भी कहीं मुझे तू लगती है फतेहबान
खुदा कहीं अगर देख रहा हो तो आज बना तेरा निगेहबान |
सर्द साँसों में तेरे कहीं ठंडी सी आह छुपी है
जुदा होते राहों में आज मिलने की राह छुपी है ,
सन्नाटो के भवर में आज तू जब देती है कही आवाज़
गूंजती है हर बात तेरी ....बोलते है हर अलफ़ाज़
क्यों मुझे तुम छोड़ गए .....क्यूँ मेरा दिल तोडा तुमने
करके मुझसे कई वादे क्यूँ हर वादों से मुह मोड़ा तुमने?
बिखरी जो तेरी जुल्फें है
बुनती हैं ये विरह का ताना बाना
ढूंढती आँखें आज भी कहती है ,
लौट आओ तुम,,,,यूँ न जाना!
धड़कन धड़कन सुनाती है आज कहानी बे वफाई का
थोड़ी सी भी मुस्कान कहीं इशारा है जग-हसाई का |
पल पल बहता आँखों से नीर आज
सौ समंदर का ले आयी है सैलाब
बातें तुम्हारी अब वो सवाल बने है
जो ढूँढ़ते रहते हर पल जवाब |
फिर भी कहीं तुम देती हो तुम्हारे खैरियत की तक़रीर
मुस्कान अभी भी हैं उन होंठों पर ....जब बिखरी सी है तस्वीर |
May God bestow everybody the kind of strength that she has.
Kalyan
No comments:
Post a Comment