Many times you go through a rough patch and many times you have to struggle. Many times there are good moments and sometimes the forgettable bad ones. However, through all these moments one thing is certain that there will be somebody to tell you that whatever happens is God's will. My Poem below explores the same statement of God's will.
किस किस को आज दू दुआएं
किसे आखिर दू मेरे अरमानो की अर्जी
चुप रहना मेरा जहाँ को लगा है बेहतर
शायद येही है रब की मर्जी ......
किस तरह से मैंने साहिल पर
तूफ़ान से कश्ती है मोड़ा
टूटे हुए कुछ रिश्तो को कैसे
मैंने खून से अपने है जोड़ा
फिर भी मेरी कोशिश दुनिया को लगे है फर्जी
हाय ! क्या इसी को कहते है रब की मर्जी !!!
कुछ वादे जो किये थे किसीसे
फूलों की खुशबू में बिखर गए
फूल कहीं जो मुझे मिले नहीं
तो वादे कांटो में ही बिसर गए
सुलगते अरमानो पर मैंने खेली है अंगारों की बाज़ी
मेरी थी जिद ये फिर भी लोग कहें "रब की मर्जी"|
चाहा था मैंने एक छोटा सा आशियाँ
इस ईट पत्थर के शेहेर में अपना छोटा जहाँ
कही लगी बोली मेरे ख़्वाबों की तो कहीं रूठा था क़ाज़ी
कश्ती डूबी तो मल्हा भी बोला "रब की मर्जी"|
ऐ रब मैंने तुम्हे क्या कभी नहीं दी खुशी
क्या आंसुओं ने मेरे तुम्हे न किया सर्द
फिर क्यों देखूं मैं की खुश है सारा जहाँ
और मैं किसी कोने में झेल रहा हूँ दर्द ?
जब आता हूँ लेके शिकायत तेरे दर पर मैं
तो तेरा ही कोई बंदा करता है अल्फाज़ी
"जो हुआ अच्छा हुआ....यहीं है रब की मर्जी!"
God's Will .....what to say.
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