The story of Delhi is really complex. However, everything that is complex is not bad. So as to say our body itself is a complex machinery and we cannot call it a bad creation. So is the case with Delhi. The beauty of this city lies in its complexity and the ability to appear new every time you come over here.
The poem below is dedicated to this wonderful city called Delhi, which is also the capital of India.
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कभी शोर बरपाता शेहेर के बीच
तालाब का खामोश पानी है ...
इस शेहेर का क्या कहना .....
ये भारत की राजधानी है ......
दिलवालों के शेहेर में आकर
दिल लगाना फ़िज़ूल हैं
दिल के टुकड़े उड़ते है यूँही यहाँ
इन्हें पिरोहना फ़िज़ूल है ....
पराठो के सतह के नीचे
सत्ता का जोश पिसता हैं
लाल होठों के मुस्कराहट में
वफ़ा का खून रिसता हैं ....
कभी है लम्बी रुकावट यहाँ
तो कभी तेज़ रवानी है
यह शेहेर है दिल्ली .....
भारत की राजधानी है .......
"अमर-जवान" के आग के पीछे
होश खोती कई जवानी हैं ....
"राज-पथ" के सख्त सतह पर
चलती अब रानी है .......
मेट्रो रेल के बिना यहाँ
एक दिन भी मुश्किल जीना है
उस मेट्रो के स्टेशन तक लाते
बहता रिक्शा-वाले का पसीना हैं ...
मीटर से ओटो चलते नहीं
बस ज़बान की कीमत भारी है ....
कहीं जो कभी दो मीटर की धमकी
तो सर काटने की तैयारी हैं
चाट के कुछ चटपटे चटकारे
छोले भठूरे के बाद लम्बी डकार
इतने से भी दिल न भरे
तो सुनो कुल्फी वाले की पुकार ....
कनोट प्लेस में बैठे बैठे
नौजवान कोई ख्वाब पिरोता है
तो इनर आऊटर के चक्कर में
कोई नौसिखिया घबराता हैं ....
कभी हैं यहाँ हसीं के फव्वारे
तो कभी आँखों में पानी है .....
ये शेहेर है अजीब दिल्ली
ये भारत की राजधानी हैं ......
समंदर यहाँ नहीं है बस
यमुना का मीठा पानी है
यहाँ दिल में समंदर रखते है लोग
और बाकी अजीब कहानी है ....
कोई है यहाँ सांसाद का चाचा
तो कोई विधायक का भतीजा है
कोई तार जोड़े अपनी प्रधान मंत्री से
तो फिर राष्ट्रपती का जीजा है ......
दिल जहाँ हो महलों से बड़ा
और छोटी सी पेशानी है
ये शेहेर है दिलवालों की दिल्ली
ये भारत की राजधानी है .....
इस शेहेर मैं हस सुकून थोडा ....थोड़ी सी परेशानी है .....
राजधानी भारत की....ये दिल्ली की कहानी है ........
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