The most complex thing in this entire world is to actually analyze or introspect ones own life. Looking from various angles, one may be confused how one would like to actually shape up his/her life. There is a very famous dialogue from the film Anand; "Zindagee badee honee chaahiye lambee nahin ", life must be big and not long. It in a way sums up how one should look at life. The beauty of living is not in length but in its vastness and utility. However, in some cases life should just be allowed to flow, it should not be analyzed but enjoyed, not waiting for a conclusion but an inference that others can draw to actually shape their lives. The poem below of mine signifies these aspects of life...
ज़िंदगी चली यूँ साँसों के पटरी पर
के अब वक़्त का पता चलता नहीं
इस ज़िंदगी की मसरूफियत को अब
जीने का वक़्त मिलता नहीं.....
शायरों की आदत है यूँही
लफ़्ज़ों में दिल को घोल देते है
दौलत तो बस यादों की हैं
जिनसे हम ज़िंदगी को तोल देते है ....
कहता है कोई हमसे के
इतने बेताब क्यों है हम ?
हमे अब हसरत आसमान की है
उन्हें हम ये बोल देते हैं .......
दिल का धड़कना मजबूरी है
तो दिल को हम बनाते है ग़ुलाम
जो दिल धडके धडकनों के बिना
शायद उसी दिल को करते है सलाम
दिलजला मैं हूँ नहीं, आग इस दिल में प्यास की लगी हैं.....
जिस पल को ढूँढ रहा हूँ, उसकी तलाश में लगी है .....
शायद वोह पल कहीं यादों के पन्नो में खो गया है .....
की आज दिल भी करता है इशारे कुछ हो गया है.....
हवा का जो झोंका आता है
कहता है के आज होगी उम्मीदे पूरी
हवा को भी शायद कहीं
मेरे दिल को बेहलाना है ज़रूरी ......
पल पल उठता तूफ़ान जो
हसरतों को उडाता हैं
उन तुफानो के गिरफ्त में ही
हसरतों का अम्बार मिलता है .....
आज कहीं क़ैद है कुछ अरमान
दिलके सिसकते हुए कोने में ....
उन अरमानो को आज
आज़ादी का इकरार मिलता है .....
सोचता हूँ जब कहीं मैं
कि साँसों के तार क्यों बज रहे हैं
लगता हैं युहीं मुझे कि
कहीं दूर कहीं कई दुल्हन सज रहे हैं...
छुप के करते हैं इशारे
आँखों के रंगीन झरोखे से ....
वोह आँखें जो कभी
रहते थे हमसे रूखे-रूखे से....
सुनता हूँ मैं आहट तेरे
कहीं पास आने का ....
जैसे कोई महखाना सुनता शोर
छलकते पयमाने का .....
उन पयमानो में कुछ बूँदें हमारे नाम का रखना तू
ए ज़िंदगी इस खाकसार के लिए रंगीन शाम रखना तू ....
लालच मुझे तेरी लम्बाई का नहीं
हसरत मुझे तेरे ऊंचाई कि है .....
ए ज़िंदगी , फरेब के ताने बानो के बीच
तलाश मुझे तेरे सच्चाई कि है ......
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