Alas, in India, the youth is actually being lured by things that are killing them physically and mentally. The youth of India may be large in number but are physically drained and mentally feeble due to the cultural invasion.
This country has seen many invasions in its 5000 years of history, but a cultural invasion like this, an effort to alter our lifestyle is probably the first time that is being seen. To say the least our nation has become diabetic. It is not being alarmed of the nasty ramifications of this change of lifestyle in years to follow. My poem unveils the same.
आखिर कैसे निकलेगी नदी
जब दम हार चुकी पानी की रवानी .....
किस तरह काम आयेगी देश के
ये पेप्सी और कोक से गीली जवानी .....
बीस के कगार पर पहुँचते ही क्यों
कुछ कदम लड़खड़ाते है ?
रेव पार्टी के अंधेरो के बीच मुझे
डूबते उम्मीद नज़र आते है ......
उन अंधेरो में जागते है शाम का राजा रात की रानी
सर्दी और बदहजमी में सराबोर ये पेप्सी और कोक की जवानी .....
Mc Donald के बर्गर के बीच ये
ढूँढ़ते कुछ जीवन के राज़.....
भारत के हर युवक से क्यों आज
तंदुरुस्ती है नाराज़?
कैसे संभल पाएंगे ये कमज़ोर काँधे देश की धरती, देश का पानी
अपने ही बोझ से बदहाल ये पेप्सी और कोक की जवानी .........
लस्सी इन्हें अब कहाँ है भाते
चाहिए टुबोर्ग, कभी हरा कभी लाल
नशे से होती शुरू और नशे पे ख़त्म
चाहे कॉलेज का खात्मा या हो नया साल
सारे सवाल कर दरकिनार बस सोचे ये सोडा या पानी
नशे में धुत्त है, नकारा ये पेप्सी और कोक की जवानी
चीज़ बूस्ट पिज्जा और सुपर सुब के लम्बे प्लेट
पेट इनके टंकी जैसे और दिमाग खाली स्लेट
escalator चढ़ते चढ़ते, सीढ़ी चढ़ना भूल गए
बिन हवा के इन लोगोके अहम् जैसे फूल गए.
हर तरफ है अफरा-तफरी, नफरत है और है ग्लानी
बर्बाद करके रखा देश को....ये पेप्सी और कोक की जवानी
Remember....... quitting all these will not only improve your health but also the health of the country.......
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