Monday, August 23, 2010

Aansoon Tumhaare......(Your Tears)

I wrote a poem on the tears that are being shed by someone. It gives you a lot of mixed feeling when you see tears from the eyes from which you don't really want to see tears. The tears actually mean a lot to somebody who is actually in love.



आज लगता है की भीग गया है सावन भी,
आंसुओं के सैलाब में तेरे पिघल गए है अरमान भी,
तुम्हारे अश्क की वोह बूँदें गिरी जो इस ज़मीन पर,
खुदा भी कहीं हुए मेहरबान मेरे हमनशीं पर |

खामोश ये बादल आज अचानक गरजने लगे,
देखके तुम्हारे आंसू आज समंदर भी देहेकने लगे
दुपट्टा तुम्हारा जो करता था बयां कई दास्ताँ,
आज वोही लहराते देख कई ईमान बेहेकने लगे |

नशा जो तेरी मुस्कराहट में छलकता था,
उस नशे को आसुओं ने तेरे कुछ बे-असर किया है ,
लेकिन इन अश्को में भी नशा तो अलग है,
अभी भी लगता हैं जैसे मैंने पिया है |

तेरी आँखों के झरोखे आज अश्को से जो हुए नम,
भीग गया जैसे उन बूंदों में यह सारा आलम |
अब तक जन्नत में भी हो रहा होगा तेरे ग़म का ज़िक्र,
खुदा को भी जैसे होगी तेरे सलामती की फ़िक्र |
आंसूं तेरे क्या बहे, पूरा ज़माना हुआ ग़मगीन,
खारे खारे अश्को ने समां बना दिया नमकीन |

बरसात भी जैसे आज तेरे ग़म से शर्माती हैं,
उसे भी कहीं तेरे अश्को की फ़िक्र सताती है |
बूँदें ओस की आज जैसे कुछ हैरान से है,
तेरे अश्कों को देख वो भी परेशान से है |

छुप के जो तूने किया हवाओं से इजहारे ग़म,
बे-ईमान हवाएं भी गए थम |
पता तेरा तो हवाओं ने भी आज दिया नहीं,
वक़्त ने भी आज इंतज़ार किया नहीं |

देख कर यह जलवें में कुछ बेबाक सा हूँ,
लगता हैं की गिर रहा हूँ सोते सोते ,
तुम्हारे हसीं ने तो मार दिया ही था,
अब दफना रही हो तुम रोते रोते |

तुम्हारे आँखें आज बरसा रही है
न मिलने वाले अनमोल मोती,
शायद कई आबाद हो जाते तेरे ग़म में,
जो कभी तू थोडा और रोती |

सिसकियाँ तुम्हारे आसुओं के ऊपर,
जैसे खीर के ऊपर जड़े हो किसमिस,
उन सिसकियों में मेरे नाम का यूँ आना
जैसे तेज़ आवाज़ में मद्धम सी फिसफिस |

लगता नहीं मुझे की होगा कभी मुझे इन आसुओं का मोल,
कैसे मेरे जज्बातों को मैं दू इस ज़माने के नज़र में तोल|
बर्फ पिघल के जैसे धीरे धेरे बूँद टपकाते हैं,
आँखे तेरी उसी तरह जैसे अश्क बहाते हैं |

आसमान कहीं आज सुनसान रहेगा देख तेरे आखों की नमी को,
बादल आज नहीं रहेंगे करने पूरा पानी की कमी को |
तुम्हारी आँखें जो इस तरह अश्क बहाएगी,
वक़्त के साथ बरसात भी भीग जाएगी |

गीली गीली पलकें तुम्हारी क्यों राज़ छुपाते हैं,
अश्कों के तालाब में हर ज़ख्म डुबाते है |
उठ के देखो तुम्हारे अश्कों में डूबा है सारा ज़माना,
शम्मा पर जलने से पहले ही भीग गया परवाना |

Remember one can see fire in the world but cannot see the tears of his lover.

With lots of Love,

Kalyan.

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